शेरगढ़ परगना ~ राजपुत शेरो की राजधानी
Wednesday, October 10, 2012
Friday, August 3, 2012
वह खुन कहो किस मतलब का, जिसमे उबाल का नाम नही वह खुन कहो किस मतलब का , आ सके देश के काम नही । वह खुन कहो किस मतलब का , जिसमे जीवन न रवानी है । जो परवश होकर बहता है वह खुन नही वो पानी हैँ ।
सवाई सिँह देवराज
वह खुन कहो किस मतलब का, जिसमे उबाल का नाम नही । वह खुन कहो किस मतलब का , आ सके देश के काम नही । वह खुन कहो किस मतलब का , जिसमे जीवन न रवानी है । वह खुन कहो किस मतलब का , जिसमे उबाल का नाम नही ।
सवाई सिँह देवराज
Sunday, July 29, 2012
केसर न निपजे अठे , न हिरा निपजन्त । सिर कटियाँ खग चाँपना , ईण धरती उपजन्त ॥
सवाई सिहँ देवराज
शेर परगनो शेरगढ़ , आखे भारत एक । निभती जावे जठे नरा , टणकाई री टेक ॥
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